जादू की दुनिया में
◆जादू की दुनिया◆
पोलू अपने बिस्तर पर सोने के लिए आया ही था कि तभी पोलू की मम्मी ने आवाज़ लगाई और डाँटती हुई कहती है, -" अरे पोलू.. तेरी ये गंदी आदत कब जाएगी...? तूने फिर से पानी पी कर फ्रीज खुला छोड़ दिया है।"
मम्मी के गुस्से का शिकार ना होना पड़े.. इसलिए पोलू झट से बिस्तर से उठ कर अपने कमरे से बाहर जाता है। तभी पोलू की मम्मी उससे बोलती है कि है तो वह केवल आठ साल का लेकिन उसकी आलसी पने और शैतानियाँ ने सभी के नाक में दम कर के रखा है। पोलू फ्रीज़ को बंद कर बिना कुछ बोले वापस से आ कर अपने कमरे में बिस्तर पर लेट जाता है। आखिर वह बोले भी तो क्या.. उसे तो पता ही है कि वह आलसी है।
पोलू सोते वक्त ऊपर देख कर बुदबुदाता है, -"भगवान जी! आपने ऐसी दुनिया क्यों बनाई जहाँ हमें ढ़ेर सारे काम करने पड़ते है। और काम ना करने पर मम्मी-पापा की ढ़ेर सारी डाँट भी खानी पड़ती है। ऐसी जादू की दुनिया क्यों नही बनाई आपने.. जहाँ बस चुटकी बजाते ही हमारे काम खुद ही हो जाए।
इतना बोल कर पोलू सो जाता है।
दूसरे दिन सुबह पोलू स्कूल जाने को उठता है। जैसे ही उसकी आँख खुलती है वह देखता है कि उसके कमरे में चारों और तेज़ रोशनी फैली हुई है। और उसके पास एक लेटर रखा था। पोलू उस लेटर को पढ़ता है। उसमें लिखा था, -"लो.. बना दी मैंने तुम्हारे लिए जादू की दुनिया। अब तुम्हे कोई काम नही करना होगा। बस तुम्हे जो भी काम करवाना होगा उस काम को बोल कर तुम तीन बार ताली बजाना। वह काम खुद ही हो जाएगा।
पोलू हैरान था कि ऐसा कैसे हो सकता है। फिर उसने चेक करने के लिए बोला, "मुझे अलमारी से स्कूल ड्रेस चाहिए।" पोलू ने इतना कह कर तीन बार ताली बजाई कि उसकी अलमारी से स्कूल ड्रेस निकल कर उसके पास खुद ही आ गई। पोलू को यकीन न हो रहा था.. पर यह सच था। पोलू खुशी से उछलने लगता है। उसे लगता है उसके मम्मी-पापा सही ही बोलते है कि भगवान जी बच्चों की विशेस(wishes) बहुत जल्दी पूरी करते है। पोलू की खुशी का ठिकाना न था।
पोलू से आज सभी खुश थे कि पोलू आज स्कूल के लिए जल्दी रेडी हो गया था। स्कूल में पोलू के टीचर्स भी बहुत खुश थे कि पोलू ने आज सारा होमवर्क कर लिया है। पोलू को ऐसा लग रहा था जैसे दुनिया अब उसकी मुट्ठी में है। उसे अब किसी भी काम को करने की कोई जरूरत नही। पोलू स्कूल से वापस आता है। घर आ कर सोफ़े पर बैठते ही वह बोलता है, "मेरे शूज़(shoes) उतर जाए।" और ऐसा बोल कर वह तीन बार ताली बजाता है। उसके जूते खूद ही उतर जाते हैं। पोलू ऐसे ही अपने स्कूल बैग को अपने कमरे में रखता है, अपने स्कूल यूनिफॉर्म को चेंज कर, खाना खा कर अपने दोस्तों के साथ खेलने को बाहर चला जाता है।
पोलू शाम को जब घर वापस आता है तब उसे याद आता है कि उसने स्कूल का होमवर्क नही किया है। वह जल्दी से अपने स्कूल बैग से अपने नोटबुक निकालता है और नोटबुक ओपन कर बस यह बोल कर तीन बार ताली बजाता है कि उसके होमवर्क कंप्लीट(complete) हो जाए। पोलू के होमवर्क पूरे हो जाते हैं। और पोलू खुश हो जाता है। पोलू मन ही मन सोचता है कि अब तो फ्रीज़ बंद करने के लिए मम्मी की डाँट भी नही होगी। मेरी तो सारी टेंशन ही खत्म हो गई।
पोलू दोस्तों के साथ खेल कर थक चुका था। इसलिए वह आराम करने का सोच कर बेड पर लेट जाता है और उसकी आँख लग जाती है।
थोड़ी देर बाद पोलू के कानों में उसकी मम्मी की आवाज़ आती है, -"अरे पोलू उठ जा! स्कूल के लिए देर हो जाएगी।"
पोलू की आँख एकाएक खुलती है और वह अपनी मम्मी से पूछता है कि क्या सुबह हो गई। पोलू की मम्मी उससे कहती है कि सात बज चुके हैं। वह जल्दी से रेडी हो जाए। पोलू को लगता है कि शायद वह कल होमवर्क करने के बाद बहुत ही जल्दी और गहरी नींद में सो गया था। इसलिए अभी सुबह ही उसकी ऑंख खुल रही है। पोलू अपने स्कूल ड्रेस के लिए तीन बार ताली बजाता है पर उसकी स्कूल ड्रेस उसके पास नही आती है। तभी पोलू की मम्मी उसे डाँटती हुई बोलती है, "अरे ये क्या कर रहा है तू.. ये क्या नई शैतानी शुरू हुई है तेरी। जल्दी से रेडी हो कर बाहर आ जा।" पोलू की मम्मी इतना कह कर कमरे से बाहर चली जाती है।
पोलू को समझ नही आ रहा था कि आखिर ऐसा कैसे हो रहा है। वह दो-तीन बार और कोशिश करता है पर उसका कोई काम पूरा नही हो रहा था।
पोलू वह लेटर अपनी अलमारी में ढूंढता है पर उसे कोई लेटर भी नही मिलता है।
तब वह सोचता है, -"क्या वो सब सपना था.. ऐसी कोई जादू की दुनिया नही... पोलू उदास हो जाता है। और समझ जाता है कि वह सब केवल एक सपना ही था।
पोलू बड़बड़ाता हुआ बोलता है, " चल पोलू.. स्कूल के लिए रेडी हो जा... ऐसी कोई जादू की दुनिया नही जहाँ सारे काम खुद ही हो जाए। काम तो तुझे करना ही पड़ेगा.....
©स्वाति चरण पहाड़ी
Anjali korde
19-Jul-2023 08:38 PM
Very nice
Reply
Varsha_Upadhyay
16-Jul-2023 09:08 PM
बहुत खूब
Reply
Abhinav ji
16-Jul-2023 09:40 AM
Very nice 👍
Reply